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फेफड़े के पास से निकली 6 किलो की गांठ: एसएमएस हॉस्पिटल की ज्वाइंट टीम ने किया सफल ऑपरेशन जयपुर |

जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने एक बड़ा कारनामा किया है। यहां 44 वर्षीय व्यक्ति के फेफड़े के पास से 6 किलोग्राम वजनी गांठ को सफलतापूर्वक निकालने में सफलता हासिल की गई। मरीज इससे पहले सीकर और नागौर सहित कई अस्पतालों में इलाज करवा चुका था, लेकिन ऑपरेशन का रिस्क अधिक होने के कारण सभी जगह से मना कर दिया गया था।

इसके बाद मरीज एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचा, जहां कैंसर सर्जरी और जनरल सर्जरी विभाग की ज्वाइंट टीम ने मिलकर यह जटिल सर्जरी की।

27 अक्टूबर को ओपीडी में पहुंचा मरीज

जनरल सर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. जीवन कांकरिया ने बताया कि सीकर निवासी मरीज सांस फूलने, सीने में भारीपन और दर्द की शिकायत लेकर ओपीडी में आया था। जांच के बाद पता चला कि उसके दाहिने फेफड़े के पीछे एक बड़ा सॉलिटरी फायब्रस ट्यूमर है।

मरीज को भर्ती कर टीम ने कैंसर सर्जरी विभाग से संपर्क किया, जहां एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीक्षा मेहता ने सर्जरी का निर्णय लिया। ऑपरेशन टीम में डॉ. प्रवीण जोशी, डॉ. तेजस, डॉ. ऐश्वर्या, डॉ. प्रमोद शामिल रहे। वहीं एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. कंचन, डॉ. प्रतिमा और डॉ. सुनील ने सहयोग किया।

15 सेंटीमीटर का चीरा लगाकर निकाली गई गांठ

डॉ. कांकरिया के अनुसार, 31 अक्टूबर को करीब साढ़े तीन घंटे चले ऑपरेशन में मरीज की छाती पर 15 सेंटीमीटर का चीरा लगाया गया। इसके बाद टीम ने फेफड़े से चिपके ट्यूमर को एक ही टुकड़े में बड़ी सावधानी से बाहर निकाला।

डॉ. दीक्षा मेहता ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान सबसे बड़ी चुनौती ट्यूमर को बिना क्षतिग्रस्त किए पूरा निकालना था। उन्होंने बताया, “गांठ का आकार 15×16 सेंटीमीटर था और इसे पूरी तरह निकालने के बाद मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।”

शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें

डॉ. कांकरिया ने कहा कि ऐसे मामलों में मरीज अक्सर शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे ट्यूमर तेजी से बढ़ने लगता है और आगे चलकर कैंसर में बदलने का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि छाती में दर्द, भारीपन या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच करवाएं।