शरद पूर्णिमा की रात में चांदनी में खीर रखने की परंपरा बहुत पुरानी है। लोग मानते हैं कि इस रात खीर में खास गुण समा जाते हैं।
शरद पूर्णिमा की खास बातें
आश्विन मास की पूर्णिमा को कोजागरी या रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है। कहा जाता है कि उसकी रोशनी शरीर, मन और आत्मा को पोषण देती है।
आयुर्वेद के अनुसार लाभ
आयुर्वेद कहता है कि इस रात दूध, खीर या पानी को खुली चांदनी में रखने से उसमें औषधीय गुण समा जाते हैं। यह पित्त दोष को शांत करता है और रक्तचाप को संतुलित करता है। इसलिए इस रात रखी गई खीर को अमृत तुल्य माना जाता है।
लक्ष्मी पूजन का महत्व
शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी का पूजन और ध्यान भी बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति जागकर सत्कर्म करता है, उस पर लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है।
निष्कर्ष
इस पूरी रात खीर रखना धार्मिक और स्वास्थ्य दोनों दृष्टि से लाभकारी है। इस शरद पूर्णिमा, आप भी अपनी खीर चांदनी में रखकर स्वास्थ्य, समृद्धि और आशीर्वाद पा सकते हैं।
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