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राजस्थान में मजबूत हुआ सहकारिता का नेटवर्क: सहकार सदस्यता अभियान से 8.90 लाख से अधिक नए सदस्य जुड़े

जयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान ने सहकारिता के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। राज्य में सहकारिता का नेटवर्क अब जमीनी स्तर तक और अधिक मजबूत हुआ है। अक्टूबर में चलाए गए ‘सहकार सदस्यता अभियान’ ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक सहभागिता को नई दिशा दी है।

इस अभियान का उद्देश्य आमजन, विशेषकर युवाओं और महिलाओं को सहकारिता से जोड़ना था। अभियान की अवधि पहले 2 से 15 अक्टूबर तक निर्धारित की गई थी, लेकिन शानदार प्रतिसाद को देखते हुए इसे 22 अक्टूबर तक बढ़ाया गया।

अभियान के तहत लगभग 8500 पैक्स स्तर पर शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों के माध्यम से राज्यभर में व्यापक जनसंपर्क हुआ और 8.90 लाख से अधिक नए सदस्य सहकारिता समितियों से जुड़े। यह संख्या निर्धारित लक्ष्य 7.34 लाख की तुलना में लगभग 21.25% अधिक रही।

संभागवार उपलब्धियां

  • जयपुर संभाग: लक्ष्य 1.25 लाख, बने 2.03 लाख नए सदस्य

  • उदयपुर संभाग: लक्ष्य 1.01 लाख, बने 1.30 लाख सदस्य

  • अजमेर संभाग: लक्ष्य 1.15 लाख, बने 1.22 लाख सदस्य

  • बीकानेर संभाग: लक्ष्य 99,000, बने 1.19 लाख सदस्य

  • कोटा संभाग: लक्ष्य 53,000, बने लगभग 68,000 सदस्य

  • भरतपुर संभाग: लक्ष्य 74,000, बने लगभग 95,000 सदस्य

  • जोधपुर संभाग: बने 1.53 लाख नए सदस्य

सहकारिता को नई ऊंचाई

अभियान के दौरान युवाओं और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से राज्य में सहकारिता का दायरा व्यापक हुआ। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जनकल्याणकारी योजनाओं की पहुंच और अधिक सशक्त होगी।

पैक्स विहीन ग्राम पंचायतों में नए पैक्स के गठन से किसानों और ग्रामीणों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। भूमि विहीन समितियों को भूमि आवंटन मिलने से गोदाम निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे राज्य की भंडारण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।

इसके अलावा, आधार सीडिंग और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने से किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ आसानी से मिल सकेगा। साथ ही, प्रस्तावित नवीन कोऑपरेटिव कोड के प्रावधान आमजन के लिए सहकारिता प्रणाली को और पारदर्शी बनाएंगे।

अभियान के बाद भी सरकार और विभागीय टीमें निरंतर फॉलो-अप कार्रवाई कर रही हैं ताकि सहकारिता की इस मजबूत नींव पर विकास की नई इमारत खड़ी की जा सके।